Biography of patanjali in hindi
महर्षि पतंजलि का जन्म स्थल-!
पतञ्जलि
पतंजलि प्राचीन भारत के एक मुनि थे जिन्हे संस्कृत के अनेक महत्वपूर्ण ग्रन्थों का रचयिता माना जाता है। इनमें से योगसूत्र उनकी महानतम रचना है जो योगदर्शन का मूलग्रन्थ है। भारतीय साहित्य में पतंजलि द्वारा रचित ३ मुख्य ग्रन्थ मिलते हैं। योगसूत्र, अष्टाध्यायी पर भाष्य और आयुर्वेद पर ग्रन्थ। कुछ विद्वानों का मत है कि ये तीनों ग्रन्थ एक ही व्यक्ति ने लिखे, अन्य की धारणा है कि ये विभिन्न व्यक्तियों की कृतियाँ हैं। पतंजलि ने पाणिनि के अष्टाध्यायी पर अपनी टीका लिखी जिसे महाभाष्य का नाम दिया (महा +भाष्य (समीक्षा, टिप्पणी, विवेचना, आलोचना))। इनका काल कोई २०० ई पू माना जाता है।[1][2][3]
जीवन
[संपादित करें]पतंजलि शुंग वंश के शासनकाल में थे। डॉ.
महर्षि पतंजलि का योग में योगदान
भंडारकर ने पतंजलि का समय 158 ई. पू. द बोथलिक ने पतंजलि का समय 200 ईसा पूर्व एवं कीथ ने उनका समय 140 से 150 ईसा पूर्व माना है। उन्होंने पुष्यमित्र शुंग का अश्वमेघ यज्ञ भी सम्पन्न कराया था। इनका जन्म गोनार्ध (गोंडा,उ०प्र०) में हुआ था, बाद में वे काशी में बस गए। ये व्याकरणाचार्य पाणिनी के शिष्य थे। काशीवासी आज भ